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Monday, December 23, 2024

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मैं हूं शहर बुरहानपुर और यह है मेरी बुरहानपुरियत, महाआरती,नमाज, जुलूस, चल समारोह एक साथ

बुरहानपुर गणेश उत्सव का अंतिम दीन अनंत चतुर्दशी, दसियों समितियो द्वारा अलग-अलग स्थान पर महा आरती का आयोजन, ईद मिलादुन्नबी के मौके पर हजारों की संख्या में जुलूस, इसी श्याम हजरत शाह भीकारी की दरगाह पर उतावली नदी में सैकड़ो वर्षों से चली आ रही नमाज की परंपरा में हजारों लोगों की शिरकत, उसी रात गणेश विसर्जन का चल समारोह, सब कुछ एक साथ और वह भी उस शहर में जहां हिंदू मुसलमान दोनों बराबरी की संख्या में हो, वह भी उस शहर में जहां की तंग गलियों में मंदिरों मस्जिद कई जगह आमने-सामने मौजूद है, लेकिन शहर की गंगा जमनी तहजीब के चलते सारे आयोजन जिस शांतिपूर्ण तरीके से और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए वह वाकई अनुकरणीय है, शहर की तहजीब को संभालते हुए मानो शहर कह रहा हो कि मैं बुरहानपुर हूं और यह है मेरी बुरहानपुरियत उल्लेखनीय है कि इस बार अधिक मास के चलते दोनों ही समुदाय के प्रमुख उत्सव की तारीखें एक साथ टकरा रही थी ।पुलिस प्रशासन से लेकर सभी लोग चिंतित थे की कैसे एक ही दिन में अनंत चतुर्दशी, ईद मिलादुन्नबी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पर व्यवस्थाएं होगी। लेकिन इस शहर की अमन पसंद जनता ने सारे ही त्यौहार मिलजुल कर मनाकर न सिर्फ प्रशासन की चिंता को दूर किया बल्कि मध्य प्रदेश में बाकी शहरों के लिए एक मीसाल कायम की, कि भले ही राजनीति के चलते बुरहानपुर शहर की तस्वीर बाहर कैसी भी खींच रखी हो लेकिन वाकई में जो शहर है वह यही है। गुरुवार की सुबह ईद मिलादुन्नबी का जुलूस जब निकला तो उसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने हिस्सा लिया, ठीक उसी दिन शाम में हमेशा उतावली नदी में पढ़ी जाने वाली मगरिब की नमाज में भी हजारों की तादाद में लोग मौजूद थे, उसके दूसरी तरफ अनंत चतुर्दशी के चलते शहर के कई स्थानों पर महा आरतियों का आयोजन था, उसमें भी हजारों की संख्या में हिंदू धर्म की महिलाएं पुरुष एवं बच्चे बड़े उत्साह और उमंग से हिस्सा ले रहे थे, अगले दिन एक रात पहले से चल रहे गणेश विसर्जन चल समारोह की रौनक शुक्रवार को भी बरकरार थी, और जुम्मे की नमाज का समय भी हो चला था लेकिन बुरहानपुर वासियों ने सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल कायम करते हुए बहुत शांति पूर्ण तरीके से अपने-अपने उत्सवों को खूबसूरती के साथ पूर्ण किया ।बेशक यह सब कुछ उन प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के बगैर संभव नहीं था जिन्होंने पिछले एक सप्ताह से अपनी नींद और चैन को दांव पर लगा दिया। विशेष कर बुरहानपुर पुलिस प्रशासन, यातायात विभाग, और नगर निगम के अधिकारी तथा कर्मचारी जिनकी जिम्मेदारी थी कि इन सारे ही स्थान पर समुचित प्रकाश व्यवस्था और अनुशासन बना रहे जिसे सभी ने बखूबी अंजाम दिया।

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